मुंबई, 11 दिसंबर । महाराष्ट्र राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी किरण कुलकर्णी ने दावा किया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को किसी भी कीमत पर हैक नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि ईवीएम को लेकर गलतफहमी की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की तय प्रक्रिया वोटर वेरिफि़एबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की गिनती और ईवीएम के ज़रिए उम्मीदवार को मिले वोटों के मिलान की अनुमति देती है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद हुई मतगणना प्रक्रिया में कहीं भी वोटों में अंतर नहीं पाया गया है।
विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने पर विपक्ष के ईवीएम पर सवाल खड़ा करने पर बुधवार को किरण कुलकर्णी ने बताया कि ईवीएम में इस्तेमाल होने वाले चिप्स एक बार प्रोग्राम करने योग्य होते हैं, जिससे न ही छेड़छाड़ असंभव है और इसमें कोई रीप्रोग्रामिंग नहीं की जा सकती। इस कारण ईवीएम को किसी नेटवर्क या बाहरी गैजेट से जोड़ा नहीं जा सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 288 सदस्यीय विधानसभा में 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमश: 57 और 41 सीटें जीतीं। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा, क्योंकि कांग्रेस ने केवल 16 सीटें जीतीं, जबकि उसके गठबंधन सहयोगियों शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं। एनसीपी (शरद पवार गुट) ने सिर्फ 10 सीटें हासिल कीं हैं। इसके बाद महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने ईवीएम पर सवाल खड़े किये थे।