हार के बाद एक्शन में मायावती

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उत्तर प्रदेश – अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी और एक सीट भी नहीं जीत सकी. उत्तर प्रदेश में बसपा ने अपनी दस सीटें भी गंवा दी और वोट शेयर 10 फीसदी से भी कम हो गया है. बसपा यूपी में 9.39 फीसदी वोट के साथ उसी जगह पर खड़ी हैं, जहां पर 1989 के चुनाव में थी. इस बार मायावती के कोर वोटबैंक माने जाने वाले जाटव समुदाय में भी अच्छी-खासी सेंध लगी है. 2024 की हार ने बसपा को अंदर तक हिलाकर रख दिया है. इसके चलते ही बसपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और सूबे की सियासत में कमबैक के लिए उपचुनाव में उतरने का प्लान बनाया है.

लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने के लिए बसपा प्रमुख मायावती 20 जून के बाद किसी भी दिन बैठक बुला सकती हैं. समीक्षा बैठक में बसपा के सभी पदाधिकारियों को बुलाया जाएगा. हालांकि, चार जून को नतीजे आने के अगले दिन ही बसपा प्रमुख ने वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट लेकर उस पर चर्चा की थी और जिन क्षेत्रों में पहले से ज्यादा खराब प्रदर्शन रहा, वहां के कोआर्डिनेटरों से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. अब मायावती प्रदेश और देशभर के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने जा रही हैं. इस दौरान मायावती मौजूदा परिस्थिति में बसपा को नए सिरे से खड़ा करने की रणनीति पर रोडमैप रखेंगी.

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