नई दिल्ली – इंडियन एयरफोर्स के दस्ते ने अलास्का में अमेरिकी वायुसेना बेस पर अभ्यास ‘रेड फ्लैग’ में हिस्सा लिया। यह अभ्यास 4 जून से 14 जून तक चला। रेड फ्लैग एक्सरसाइज अडवांस्ड एरियल कॉम्बैट एक्सरसाइज है। इसमें सिंगापुर, ब्रिटेन, नीदरलैंड्स, जर्मन वायुसेना के भी दस्ते थे। भारतीय वायुसेना का दस्ता पहली बार इस अभ्यास में फाइटर जेट राफेल लेकर पहुंचा। इसे वहां ले जाने के लिए आईएल-78 एयर टू एयर रीफ्यूलर की जरिए बीच हवा में रीफ्यूल भी किया गया। अभ्यास में अलग-अलग हवाई खतरे से निपटने की तैयारी की गई। राफेल ने वहां F-16, F-15A, A-10 एयरक्राफ्ट के साथ युद्धाभ्यास किया।
भारतीय वायुसेना अब खुद अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ की तैयारी में जुटी है जो इस साल के अंत तक भारत में होगी। यह अब तक का सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास होगा जिसमें कई देश हिस्सा लेंगे। वायुसेना वैसे तो कई मल्टी नैशनल एक्सरसाइज का हिस्सा रही है लेकिन इसने आज तक कोई भी मल्टीनैशनल एक्सरसाइज (एक्टिव पार्टिसिपेशन) की मेजबानी नहीं की है। यह पहली बार होगा जब वायुसेना कई देशों की वायुसेना के फाइटर एयरक्राफ्ट को शामिल करते हुए एकसाथ अभ्यास की मेजबानी करेगी। इसमें अमेरिका, यूके, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हो सकते हैं।