बेंगलुरु – जेडीएस के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना को शुक्रवार (31 मई) को कर्नाटक की एक अदालत ने अश्लील वीडियो मामले में चल रही जांच के सिलसिले में छह दिन यानी छह जून के लिए एसआईटी की हिरासत में भेज दिया. केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद रेवन्ना को बेंगलुरु के सीआईडी कार्यालय लाया गया. उनके घर में काम करने वाली एक महिला की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोपों की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है. वह राजनयिक पासपोर्ट पर देश छोड़ने के करीब एक महीने बाद बर्लिन, जर्मनी से भारत वापस आए और आज सुबह उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया. कर्नाटक सरकार की एसआईटी ने रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचते ही हिरासत में ले लिया.
रेवन्ना अधिकारियों के समन से बचते रहे और करीब एक महीने तक देश से बाहर रहे. 33 साल के प्रज्वल रेवन्ना जेडीएस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कर्नाटक की हासन सीट से रेवन्ना बीजेपी-जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवार भी हैं. एसआईटी ने एक मैसेज भेजकर प्रज्वल के खिलाफ वारंट को तामील करने के लिए एक महिला पुलिस दल को तैनात किया. एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि म्यूनिख से विमान से उतरने के तुरंत बाद, खाकी वर्दी में महिलाओं ने उनका स्वागत किया.
इससे पहले, एसआईटी ने मामले के सिलसिले में दो प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जिनकी पहचान नवीन गौड़ा और चेतन के रूप में हुई है. पुलिस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि संदिग्धों को अग्रिम जमानत लेने के लिए हाई कोर्ट में पेश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया. चेतन गौड़ा और नवीन गौड़ा पर आरोप है कि उन्होंने रेवन्ना के महिलाओं के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के वीडियो वाले पेन ड्राइव बांटे थे.