बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सूचि अपडेट न करने का मामला
मुंबई – बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा हर विधि कॉलेज का निरीक्षण कर उसे मंजुरी देने की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सूचि अपडेट नहीं होने से विदेश में पढ़ने जानेवाले छात्र – छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे एक मामले में एनसीए कनाडा ने एक छात्रा के प्रवेश पर रोक लगाई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को लिखी चिठ्ठी में उदाहरणार्थ महाराष्ट्र के नवी मुंबई स्थित एमजीएम लॉ कॉलेज का ज़िक्र किया है। वर्ष 2013 में बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा इस विधि कॉलेज का निरीक्षण कर उसे मंजुरी दी गई थी। लेकिन बाद में कोई निरीक्षण नहीं हुआ और ना उस जानकारी को अपडेट किया गया है। जबकि यहां के छात्रों को प्रमाणपत्र दिया जाता है। यहाँ की एक छात्र गरिमा के प्रवेश पर एनसीए कनाडा ने इसलिए रोक लगा दी है क्योंकि बार कौंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक एमजीएम लॉ कॉलेज की मान्यता 2009 में खत्म हुई हैI जबकि इस कॉलेज द्वारा 2024-2025 तक का शुल्क भी जमा किया है।
अनिल गलगली के अनुसार महाराष्ट्र में ऐसे कई कॉलेज है जिनका नाम मान्यता की सूचि में नहीं है। अगर कॉलेज द्वारा शुल्क अदा किया है तो किसकी गलती है? इसका निर्णय बार कौंसिल ऑफ इंडिया को लेना है। समय पर मान्यता को लेकर निरीक्षण होकर उसकी सूचि अपडेट होती है तो निश्चित तौर पर छात्र- छात्राएं परेशान नहीं होगी।