मुंबई – बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठी फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने के लिए कथित मारपीट के मामले में गिरफ्तारी को लेकर एनसीपी (शरद गुट) नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड की याचिका पर ठाणे पुलिस को फटकार लगाई। अदालत ने पुलिस से पूछा कि याचिकाकर्ता को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) की नोटिस देने से पहले गिरफ्तार करने की क्या जल्दी थी? आव्हाड ने अपनी याचिका में गैर कानूनी रूप से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस से माफी मांगने का अनुरोध किया है। अदालत ने 2 सितंबर को मामले में अगली सुनवाई रखी है।न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की पीठ के समक्ष शुक्रवार को जितेंद्र आव्हाड की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील हितेन वेनेगावकर ने ठाणे पुलिस की ओर से हलफनामा दाखिल किया।
पीठ ने नोटिस से पहले पुलिस द्वारा आव्हाड की गिरफ्तार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस मामले में कानून का पालन क्यों नहीं किया गया? ठाणे के वर्तक नगर पुलिस ने 11 नवंबर 22 को दोपहर 2 बजे फिल्म हर हर महादेव की स्क्रीनिंग के दौरान हंगामा करने के मामले में जितेंद्र आव्हाड को गिरफ्तार किया और उन्हें उसी दिन शाम 5 बजे सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस दिया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि जिस दिन याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया गया था, तो उस दिन वर्तक नगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने उन्हें नोटिस देने के लिए बुलाया था। पुलिस ने नियमों का उल्लंघन कर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर गलत किया। इसके लिए पुलिस को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। याचिका में पुलिस से माफी मांगने का अनुरोध किया गया है। आरोप था कि जितेंद्र आव्हाड ने मराठी फिल्म हर-हर महादेव फिल्म में कुछ तथ्यों को गलत तरीके से दिखाए जाने को लेकर शो के दौरान मारपीट की थी। वर्तक नगर पुलिस ने उन्हें बुला कर गिरफ्तार कर लिया।