एनसीपी चीफ शरद पवार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विभिन्न मुद्दों पर आपस में टकराती रही है. मगर आज शुक्रवार को एनसीपी चीफ ने किसानों के मुद्दों पर जो प्रतिक्रिया दी, उसका केंद्र सरकार ने स्वागत किया है. महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में सहयोगी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि किसान पिछले 6 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है. अन्नदाता इसीलिए वहीं बैठे हैं. केंद्र सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए.
शरद पवार के इस बयान का केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि मैं पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार के रुख का स्वागत करता हूं. जिनका कहना है कि कृषि कानूनों को बदलने की कोई जरूरत नहीं है. जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन्हें विचार-विमर्श के बाद बदला जाना चाहिए. मैं उनके रुख का स्वागत करता हूं. केंद्र सरकार उनकी बात से सहमत है. हम चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए.
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पिछले सात सालों से किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है. मोदी सरकार ने अभी तक अपने कार्यकाल में खेती-किसानी आगे बढ़े और उन्हें लाभ हो, इसके लिए कई तरह की सार्थक योजनाएं शुरू की हैं. इन योजनाओं का लाभ देशभर के किसानों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से देश को जरुरत थी कि कृषि क्षेत्र में कानूनी बदलाव लाया जाए.
#WATCH | Agri Minister NS Tomar welcomes the stand of NCP chief Sharad Pawar on the farm laws that they shouldn’t be rejected but problematic portions can be amended. He says that this has been the Govt’s stand & Govt has been having a dialogue with farmers with this mindset only pic.twitter.com/HCJoqe4kQv
— ANI (@ANI) July 2, 2021
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि दिवंगत तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में साल 1999 में ये कवायद शुरू हुई. इस संबंध में स्वामीनाथन रिपोर्ट साल 2006 में तब की यूपीए सरकार को सौंपी गई. मगर वो सरकार इस काम में आगे नहीं बढ़ी.