लखनऊ – लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर सर्वे में यह बात सामने आई है कि सवर्ण वर्ग और विशेष तौर पर क्षत्रियों ने भगवा पार्टी के वफादारी जताई है। इस आम धारणा के विपरीत कि यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन में क्षत्रियों के बीच असंतोष की भूमिका हो सकती है। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS)-लोकनीति सर्वेक्षण से जुड़े शोधकर्ताओं से पता चलता है कि सामान्य तौर पर ऊंची जाति और ठाकुर विशेष रूप से भगवा पार्टी के प्रति वफादार रहे। गैर-जाटव दलितों और गैर-यादव ओबीसी के एक हिस्से का इंडिया गठबंधन की ओर अचानक झुकाव होने से भाजपा की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा।
बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के संकाय सदस्य प्रोफेसर शशिकांत पांडेय अलीगढ़ मुस्लिम के प्रोफेसर मिर्जा असमर बेग और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अखिलेश पाल के साथ सर्वेक्षण का हिस्सा थे। उन्होंने कहा, ‘नतीजों को मुख्य रूप से जाति और सामुदायिक मतदान पैटर्न में बदलाव के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।’