2016 में रवि शास्त्री की जगह अनिल कुंबले को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कुंबले को कोच बनाया था, शास्त्री ने लंबे समय बात इसको लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। शास्त्री ने कहा कि जिस तरह से उनको हटाया गया था, वह तरीका सही नहीं था और उससे उन्हें तकलीफ पहुंची थी। इंटरनैशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद शास्त्री लंबे समय तक क्रिकेट से जुड़े रहे हैं। 2007 में नैशनल क्रिकेट एकैडमी (एनसीए) के हेड बनने के बाद शास्त्री ने टीम इंडिया के डायरेक्टर बने और फिर बाद में हेड कोच।
शास्त्री ने इंटरव्यू में बताया कि बीसीसीआई में कुछ लोग मौजूद थे, जो चाहते थे कि वह टीम इंडिया के कोच ना बनें। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस फैसले से दुख हुआ था, क्योंकि जिस तरह से मुझे हटाया गया था, वह तरीका सही नहीं था। मैंने जो कुछ भी किया, उसके बाद मुझे जिस तरह से हटाया गया, वह मुझसे कह सकते थे कि हमें आपकी जरूरत नहीं, आप हमें पसंद नहीं, हमें कोई और चाहिए इस रोल के लिए, ऐसा होता तो मैं वापस वही करता जो मेरे लिए सबसे अच्छा रहता। करीब 9 महीने गुजर गए और मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि टीम में कुछ गड़बड़ चल रही है।
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा मतलब है मैं जिस टीम को छोड़कर गया था, वहां सबकुछ अच्छा था, ऐसे में दिक्कत कहां हो सकती है। 9 महीने में ऐसा क्या हो गया कि टीम में दिक्कत हो गई।’ 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और इसके बाद रवि शास्त्री को टीम इंडिया का नया हेड कोच चुना गया। शास्त्री ने कहा कि उस समय बीसीसीआई में कुछ लोग ऐसे थे, जो बिल्कुल नहीं चाहते थे कि मैं टीम इंडिया का हेड कोच चुना जाऊं।