मुंबई – तीन मैच खेल चुके सूर्यकुमार यादव दो मैचों में शून्य पर आउट हुए हैं। तो क्या एक मैच जिसमें उनका अर्धशतक था, उसके आधार पर उन्हें विश्वकप के लिए बेहतर माना जा सकता है? हालांकि, अभी कई मैच शेष हैं किंतु सूर्या को टीम में रखना एक बड़ा रिस्क होगा। ये मुंबई टीम की बात नहीं हो रही, बल्कि टीम इंडिया की बात हो रही है, जो विश्वकप में उतरेगी। आईपीएल से खिलाड़ियों की परख हो रही है। चयन समिति उन सारे खिलाड़ियों पर अपनी नजर बनाए हुए है, जिनकी संभावनाएं हैं। संभावनाओं में सूर्यकुमार यादव का प्रतिशत फिलहाल ज्यादा माना जा रहा है, किंतु इसके बावजूद कई समीक्षकों का मानना है कि सूर्या को लेना रिस्की भी हो सकता है।
इसके पीछे की जो वजह सामने आ रही है, वो यह कि बड़े मैचों में सूर्यकुमार का खेल किसी मुख्य उद्देश्य के लिए नहीं होता, बल्कि गेंद को बाउंड्री पार कराने की एकसूत्रीय शैली लिए होता है, जिसमें बल्ले से गेंद लग गई तो लग गई वरना आउट होते भी देर नहीं लगती। ऐसे अनिश्चितता के लिए बल्लेबाज को टीम में रखना वाकई बड़ी चुनौती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे के मैचों में सूर्या कोई कमाल दिखा पाते हैं या नहीं और ये मैच ही उनकी किस्मत को निर्धारित करेंगे।