भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 41 साल बाद ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया

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भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 41 साल बाद ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया. टोक्यो ओलिंपिक 2020 में अपने शानदार खेल से 49 साल बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम को इस अहम मुकाबले में विश्व चैंपियन बेल्जियम ने 5-2 से शिकस्त दे दी. इसके साथ ही बेल्जियम फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई, जबकि भारतीय टीम का ओलिंपिक गोल्ड का इंतजार एक और ओलिंपिक के लिए बढ़ गया. बेल्जियम की जीत के हीरो स्टार ड्रैग फ्लिकर एलेक्जेंडर हैंड्रिक्स रहे, जिन्होंने गोल की लगाई और करोड़ों भारतीयों का दिल तोड़ दिया. हालांकि, भारत का सफर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि उसके पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका रहेगा.

विश्व की नंबर एक टीम बेल्जियम के खिलाफ भारत को दमदार खेल की जरूरत थी और पहले दो क्वार्टर में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया भी, लेकिन तीसरे क्वार्टर से बेल्जियम ने मैच में अपना दबदबा बढ़ा दिया और फिर आखिरी क्वार्टर में 3 गोल और ठोककर भारत को करारी हार झेलनी पड़ी. इसके साथ ही बेल्जियम ने लगातार दूसरे ओलिंपिक फाइनल में अपनी जगह पक्की की.

इस मुकाबले के बेहद करीबी होने का अनुमान था और कुछ वैसा ही हुआ भी. बेल्जियम ने मैच के दूसरे मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और उसे गोल में तब्दील कर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. हालांकि, उसकी ये बढ़त ज्यादा देर टिकी नहीं और भारत ने सिर्फ दो मिनट के अंदर दो गोल कर 2-1 की बढ़त हासिल कर ली. 7वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को हरमनप्रीत सिंह ने बेहतरी ड्रैग फ्लिक पर गोल में तब्दील कर दिया. फिर 8वें मिनट में मंदीप सिंह ने जबरदस्त रिवर्स स्टिक शॉट पर टीम के लिए दूसरा गोल हासिल कर लिया. पहले क्वार्टर में भारत की ये बढ़त कायम रही.

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