जेवलिन थ्रो में भारत के देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर और सुंदर सिंह ने कांस्य पदक अपने नाम किया है. इस इवेंट का गोल्ड मेडल श्रीलंका के प्रियान हेराथ ने जीता है.
उन्होंने 67.79 मीटर का थ्रो किया. वहीं 40 वर्षीय झाझरिया ने एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ा. झाझरिया जब आठ साल के थे तो पेड़ पर चढ़ते समय दुर्घटनावश बिजली की तार छू जाने से उन्होंने अपना बायां हाथ गंवा दिया था. उनके नाम पर पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था.
सुंदर सिंह ने 64.01 मीटर भाला फेंका जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इस 25 वर्षीय एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था. जयपुर के रहने वाले गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे. उन्होंने जकार्ता पैरा एशियाई खेल 2018 में रजत पदक जीता था. भारत के एक अन्य एथलीट अजीत सिंह 56.15 मीटर भाला फेंककर नौ खिलाड़ियों के बीच आठवें स्थान पर रहे.
सोमवार का दिन टोक्यो पैरालंपिक में भा्रत के लिए बेहतरीन रहा. भारत ने आज चार मेडल जीतकर कुल पदकों की संख्या सात कर दी है. पैरालंपिक खेलों में यह देवेंद्र झाझरिया का तीसरा पदक है. इससे पहले झाझरिया एथेंस ओलंपिक 2004 और रियो ओलंपिक 2016 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.
अवनि लेखरा ने गोल्ड जीत रचा इतिहासभारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. अवनि ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की और पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा. यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता. भारत का पैरालंपिक खेलों में निशानेबाजी प्रतियोगिता में यह पहला पदक है. टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है .
योगेश कथूनिया ने सिल्वर मेडल जीत रचा इतिहास
भारत के योगेश कथूनिया ने पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा के एफ56 वर्ग में इस सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता. आठ साल की उम्र में लकवाग्रस्त होने वाले योगेश ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया. ब्राजील के बतिस्ता डोस सांतोस ने 45.59 मीटर के साथ स्वर्ण जबकि क्यूबा के लियानार्डो डियाज अलडाना (43.36 मीटर) ने कांस्य पदक जीता. योगेश पैरालंपिक खेलों में चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) में सिल्वर जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं.