क्या भारत में 5G स्पेक्ट्रम के ट्रायल से मर रहे लोग, जानिए क्या हैं हकीकत

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क्या भारत में 5G स्पेक्ट्रम के ट्रायल से मर रहे लोग, जानिए क्या हैं हकीकत।

दुनिया के कई देशों में पहले ही 5G नेटवर्क काम कर रहा है। यहां लोग बिना किसी परेशानी के इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं।

देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। बड़े शहरों से लेकर छोटे-छोटे गावों में भी कोरोना के केस सामने आ रहे हैं और बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हो रही है। इस बीच सोशल मीडिया एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में कहा गया है कि ये मौतें कोरोना वायरस से नहीं हो रही हैं, बल्कि सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम का ट्रायल शुरू किया है। इस वजह से लोगों की मौत हो रही है।

वायरल मैसेज में एक आदमी यह कहता सुना जा सकता है कि कोरोना की दूसरी लहर 5G स्पेक्ट्रम के ट्रायल से शुरू हुई है। उत्तरप्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में कई लोग इसके चलते मौत का शिकार हुए हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव था। इसलिए सरकार ने वहां टेस्टिंग नहीं शुरू की, बल्कि इसे मुंबई से शुरू किया गया।

PIB ने किया वायरल मैसेज का खंडन

प्रेस इनफॉममेशन ब्यूरो ने इस दावे को अपनी जांच में गलत पाया है। PIB ने लोगों से ऐसे मैसेज से दूर रहने की सलाह दी है। अपने ट्वीट में ब्यूरो ने लिखा कि एक ऑडियो मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि 5G टेस्टिंग से लोग मर रहे हैं। यह दावा गलत है। ऐसे मैसेज शेयर करके समाज में भ्रम न फैलाएं।

कुछ दिन पहले ऐसे ही दावे के साथ एक फोटो वायरल हुई थी। इसमें लिखा था कि 4G टेस्टिंग से बड़े पैमाने पर पक्षियों की मौत हुई थी। अब सरकार 5G टेस्टिंग कर रही है। इससे इंसानों की मौत हो रही है। इसके साथ ही लोगों से मोबाइल टावर का विरोध करने को कहा गया था। PIB ने इस खबर को भी गलत बताया है। साथ ही लोगों से ऐसे मैसेज न शेयर करने की अपील की है।

5G की अफवाह से COAI चिंतित

5G को लेकर फैली अफवाह से टेलीकॉम कंपनियां चिंतित हैं। सेलुलर ऑपरेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने साफ किया है कि यह अफवाह पूरी तरह से गलत है। दुनिया के कई देशों में पहले ही 5G नेटवर्क काम कर रहा है। यहां के लोग बिना किसी परेशानी के इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। WHO भी यह बात स्पष्ट कर चुका है कि 5G टेस्टिंग का कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है।

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