Tansa City One

गाय को माता माना जाता है सूअर को नहीं: मुख्यमंत्री

0

गुवाहाटी, 07 दिसंबर । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाना इसीलिए समीचीन है, क्योंकि सनातन धर्मावलंबी गाय को माता मानते हैं। लेकिन, सूअर को कोई अपनी माता नहीं मानता है‌ इसीलिए सूअर को मारने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा आज एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय की हत्या करने पर प्रतिबंध लगाने को सूअर की हत्या के साथ जोड़ा नहीं जा सकता है। ऐसे में बकरियों की भी हत्या बंद करनी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय को हर सनातन धर्मावलंबी अपनी माता मानते हैं। चाहे वह असम की श्रीमंत शंकरदेव संस्कृति हो या फिर देश और दुनिया की अन्य वैष्णव धर्म संस्कृति, शैव मतावलंबी हों या फिर शाक्त मतावलंबी- सभी किसी न किसी रूप में गाय की पूजा करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर उनका सभी कुछ गाय के साथ जुड़ा हुआ है। गाय चराना, घी, दूध, मक्खन चुराना हर कुछ गाय से ही जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्राचीन सभ्यता में गाय का बहुत बड़ा योगदान है। गाय का दूध, दही, घी से लेकर गोबर तक जीवनदायिनी है। कृषि आधारित हमारी अर्थव्यवस्था में गाय के गोबर का खेतों में उर्वरक के रूप में आदिकाल से प्रयोग किया जाता रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि पूजा की विविधताएं हैं। फिर भी सनातनी सभ्यता के सबसे व्यापक रूप से स्वीकृत तत्वों में से एक गाय है। जिसे हमारी सभ्यता में मां के रूप में पहचाना जाता रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा अक्सर महापुरुष गुरुजन और उनकी रचनाओं की गलत व्याख्या करते हैं। उन्हें कुछ समय निकालकर अध्ययन करना चाहिए और चीजों को जानना चाहिए।

About Author

Comments are closed.

Maintain by Designwell Infotech