भीषण गर्मी के बीच दिल्ली सरकार ने बिजली की कटौती में इजाफा होने की आशंका जताई है। राजधानी के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को पैनिक बटन दबाते हुए कहा कि कुछ पावर प्लांट्स में एक दिन का ही कोयला स्टॉक बचा है। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने कहा था कि दिल्ली को मिलने वाली बिजली आपूर्ति में कमी आई है और इसके चलते निर्बाध सप्लाई जारी रख पाना संभव नहीं होगा। उनका कहना था कि यदि दिल्ली को मिलने वाली बिजली की सप्लाई में यदि कमी जारी रही तो फिर मेट्रो और अस्पतालों के संचालन में भी समस्या आ सकती है।
सत्येंद्र जैन ने राजधानी में बिजली की स्थिति को लेकर कहा, ‘ऊर्जा का कोई बैकअप नहीं होता है। इलेक्ट्रिसिटी को स्टोर नहीं किया जा सकता। इसका तो हर दिन उत्पादन होता है। कोयला स्टोर किया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में कोयले का स्टॉक 21 दिनों के लिए होता है। लेकिन एनटीपीसी दादरी और ऊंचाहार में महज एक दिन का ही कोयला स्टॉक बचा है। ऐसे में बिजली की निर्बाधा सप्लाई में समस्या आ सकती है।’ उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि कोयले की सप्लाई सुनिश्चित की जाए ताकि बिजली की कटौती की स्थिति न पैदा हो सके।
सत्येंद्र जैन ने बताया, क्यों कम हुई कोयले की सप्लाई
दिल्ली के मंत्री ने कहा कि कोयले की सप्लाई में कमी की वजह रेलवे के रैक की कमी आना है। उन्होंने कहा, ‘पहले रेलवे के 450 रैक कोयले की सप्लाई के लिए उपलब्ध थे, जबकि अब इनकी संख्या घटाकर 405 ही रह गई है। इस संकट से निपटने के लिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार की ओर से मदद की जाए।’ यही नहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से बिजली आपूर्ति की पेमेंट बकाया नहीं है। ऐसे में राजधानी को निर्बाध सप्लाई जारी रहनी चाहिए। इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी गुरुवार को कहा था कि कोयले का संकट है और केंद्र सरकार को इसे टालने के लिए मदद करनी चाहिए।