रविवार को महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट और गहरा गया। शिवसेना के कई कार्यकर्ता महाराष्ट्र और दिल्ली में पार्टी के विद्रोहियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। उद्धव ठाकरे और बागी नेता एकनाथ शिंदे के बीच शिवसेना के नियंत्रण की लड़ाई के बीच दिन भर दावे और प्रतिवाद सामने आते रहे। इस बीच, डिप्टी स्पीकर की अयोग्यता नोटिस को लेकर शिंदे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डिप्टी स्पीकर की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की गई हैं।
भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट की मांग पर राज्यपाल की ओर से विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस के घर हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई है। इसके अलावा एकनाथ शिंदे गुट भी गुवाहाटी छोड़कर चौपाटी आने पर विचार कर रहा है। बता दें कि संजय राउत की ओर से शिंदे गुट को चुनौती दी गई थी कि वह गुवाहाटी क्यों बैठे हैं, चौपाटी आएं और यहीं फैसला होगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र भाजपा भी सक्रिय हो गई है। थोड़ी देर में देवेंद्र फडणवीस के घर पर बैठक होनी है। वहीं शिवसेना कार्यकर्ता शिंदे गुट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पुणे के हादासपार में अमरधाम श्मशान में बागी विधायकों की प्रतीकात्मक अंतिम यात्रा निकालकर विरोध किया गया।
एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने कहा, यह विद्रोह नहीं है बल्कि वही है जो महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं। संजय राउत के शव वाले बयान का क्या मतलब है? यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। वह किसी और को धमकी दें, हमें नहीं।