प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन कांगेलीपैक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP) विध्वंसक आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए छह साल पहले दिल्ली में शिफ्ट हो गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह संगठन मणिपुर में स्थानीय लोगों और सरकारी अधिकारियों को आतंकित करके और जबरन वसूली करके धन जुटाने की साजिश रचने में शामिल था।
आतंकवाद रोधी एजेंसी ने कहा कि संगठन ने एक महिला सहित अपने तीन सदस्यों को नियुक्त किया और वे मणिपुर में हथगोले, पिस्तौल और जिंदा कारतूस हासिल करने में सफल रहे। अधिकारियों ने कहा कि इन आतंकवादियों की पहचान खोइरोम रंजीत सिंह, पुखरीहोंगबम प्रेम कुमार मिताई और इरुंगबाम सनतोम्बी देवी के रूप में हुई है।
आतंकी गतिविधि के बारे में इनपुट मिलते ही लिया एक्शन
शुरुआत में, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने 12 जनवरी 2017 को केसीपी से संबंधित आतंकी गतिविधि के बारे में इनपुट मिलने के तुरंत बाद मामला दर्ज किया था। बाद में इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 16 मार्च, 2017 को अपने कब्जे में ले लिया। इस तथ्य का खुलासा तब हुआ जब राष्ट्रीय राजधानी की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को मणिपुर के तीन आतंकवादियों-खोइरोम रंजीत सिंह, पुखरीहोंगबाम प्रेम कुमार मैताई और इरुंगबाम सनातोम्बी देवी को केसीपी के मामले में सजा सुनाई।
7 साल के कठोर कारावास की सजा
सिंह और मिताई को सात साल के कठोर कारावास और प्रत्येक को 39,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। हालांकि, देवी को पांच साल के कठोर कारावास और 21,000 रुपये के जुर्माने के साथ दोषी ठहराया गया। तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 17, 18बी, 20, 20, 38, 40 गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।