पाकिस्तान हुआ नरंजन सिंह का मुरीद

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पाकिस्तान भी पूरी दुनिया की तरह कोरोना महामारी से जूझ रहा है. रमजान की पाक महीने में भी पाकिस्तान को महंगाई का भी मार झेलनी पड़ रही है. इन सब मुश्किलों के बीच एक सिख दुकानदार नरंजन सिंह ने पूरे पाकिस्तान को अपना मुरीद बना लिया है. खैबर पख्तूनख्वाह में एक छोटी सी दुकान चलाने वाले इस शख्स का दिल बहुत बड़ा है.

नरंजन सिंह ने बताया कि वह कई बरसों से रमजान के पाक महीने में ऐसा करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि वह साल के 11 महीने पैसा कमाते हैं, लेकिन एक महीने दुआएं कमाई जा सकती हैं.
नरंजन सिंह खैबर पख्तूनख्वाह में किराने की दुकान चलाते हैं.
पूरी दुनिया की तरह पाकिस्तान भी कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है. रमजान के महीने में पाकिस्तान को तो महंगाई की भी मार झेलनी पड़ रही है. मगर इन सब मुश्किलों के बीच नरंजन सिंह नाम के एक सिख दुकानदार ने पूरे पाकिस्तान को अपना मुरीद बना लिया है. खैबर पख्तूनख्वाह में एक छोटी सी दुकान चलाने वाले इस शख्स का दिल बहुत बड़ा है.

पाकिस्तान में जहां महंगाई की वजह से खाने-पीने के सामान के दाम आसमान छू रहे हैं. जहां मंत्री तक चीनी-पेट्रोल से मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं. वहां नरंजन सिंह रमजान के महीने में अपना मुनाफा छोड़ बहुत ही सस्ते दामों पर लोगों को रोजाना जरूरत का सामान मुहैया करा रहा है. जियो न्यूज से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह कई बरसों से रमजान के पाक महीने में ऐसा करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि वह साल के 11 महीने पैसा कमाते हैं, लेकिन एक महीने दुआएं कमाई जा सकती हैं. रजमान के पाक महीने में दूसरों की मदद करने से बढ़कर और क्या हो सकता है.

अपनी जेब से कर रहे खर्च
एक तरफ जहां नरंजन सिंह रमजान के महीने में बिना मुनाफे की चिंता किए जरूरतमंदों को सस्ते में सामान दे रहे हैं. वहीं कई अन्य दुकानदारों को ये चिंता सता रही है कि उनके इस कदम से उनकी बिक्री पर क्या फर्क पड़ेगा. मगर नरंजन सिंह बीते एक दशक से खैबर पख्तूनख्वाह के जमरूद बाजार में अपनी किराने की दुकान चला रहे हैं. हर साल रजमान के महीने में वो बिना मुनाफा कमाए सामान बेचते हैं. इस वजह से उन्हें दुकान का किराया और काम करने वालों की मजदूरी अपने पैसों से भरनी पड़ती है, लेकिन इससे उनके कदम नहीं रुके हैं. वो कहते हैं कि हमारा मकसद रमजान के वक्त गरीब मुसलमानों को फायदा देना है ताकि इफ्तार के वक्त हमें भी अपनी दुआओं में याद रख सकें.

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