मैंने विशेष सैन्य अभियान चलाने का फैसला ले लिया है। इसका लक्ष्य उन लोगों की रक्षा करना होगा, जो 8 सालों से कीव शासन में उत्पीड़न और नरसंहार से पीड़ित हैं…’ 24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ये शब्द यूक्रेन में बड़ी तबाही का कारण बने। रूसी प्रमुख के इस ऐलान का खामियाजा बाद इन 2 महीनों के दौरान दोनों देशों को भुगतना पड़ा। एक ओर जहां यूक्रेन में लाखों लोगों को घर छोड़कर भागने पर मजबूर हुए। वहीं, गोलियों और बमबारी के बीच हजारों की मौत हो गई। इधर, रूस को भी इस हिंसा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं के साथ-साथ कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा। रविवार को दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को दो महीने का समय पूरा हो चुका है। अब इन 60 दिनों में सामने आए अहम आंकड़ों पर नजर डालते हैं…
यक्रेन में कितना नुकसान
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वार के अनुसार, 18 अप्रैल तक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में यूक्रेन को करीब 8 हजार 480 करोड़ डॉलर का नुकसान हो चुका है। अर्थव्यवस्था मंत्रालय और कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने अनुमान लगाया है कि अगर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष (जीडीपी में गिरावट, निवेश खत्म होने आदि) को मिलाया जाए, तो नुकसान का आंकड़ा 56 हजार 400 करोड़ डॉलर से लेकर 60 हजार करोड़ डॉलर तक हो सकता है।
केएसई की 18 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार, 54 दिनों में यूक्रेन की 23 हजार किमी सड़कें, 37 हजार वर्ग मीटर के रियल एस्टेट तबाह हो गए या कब्जा कर लिए गए। युद्ध के चलते 68 प्रशासनिक इमारतें, 277 पुल और पुल की क्रॉसिंग, 11 सैन्य हवाई क्षेत्र, 17 हवाई अड्डे और 2 बंदरगाहों क्षतिग्रस्त का खत्म हो गए हैं।
कितने देश छोड़ने पर मजबूर हुए
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि 24 फरवरी से लेकर 23 अप्रैल के बीच 51 लाख 86 हजार 744 यूक्रेनवासी देश छोड़कर दूसरे मुल्कों में शरण ले चुके हैं। इनमें से अधिकांश लोगों ने पोलैंड का रुख किया है। इसे अलावा रोमानिया (774,094), रूस (578,255), हंगरी (489,754), मोल्डोवा (433,214), स्लोवाकिया (354,329), बेलारूस (24,084) में भी शरणार्थी पहुंचे हैं।
यूक्रेन में कितने आम लोगों की मौतें हुई
UNOCHA के आंकड़े बताते हैं कि 24 फरवरी 2022 सुबह 4 बजे से लेकर 21 अप्रैल 2022 की मध्यरात्रि तक देश में 5 हजार 381 हताहत हुए हैं। इनमें से 2 हजार 435 की मौत हो चुकी है। जबकि, 2 हजार 946 घायल हुए हैं। जान गंवाने वालों में 746 पुरुष, 469 महिलाएं, 48 लड़कियां, 66 लड़कें और 70 बच्चे शामिल हैं। मरने वालों में 1036 वयस्कों की भी मौत हुई है।