पाकिस्तान के साथ रक्षा संबंध मजबूत करने के बाद अब चीन ईरान के साथ भी सैन्य संबंध मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। 27 अप्रैल को चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बघेरी से मुलाकात की है। इस बैठक के बाद कहा गया है कि दोनों देश सैन्य प्रशिक्षण और ज्ञान के आदान-प्रदान पर मिलकर काम करेंगे।
इब्राहिम रईसी से भी मिले चीनी रक्षा मंत्री
चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से भी मुलाकात की है। चीनी सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने कहा है कि चीनी सेना ईरानी पक्ष के साथ रणनीतिक संचार बनाए रखने, सहयोग तंत्र का बेहतर इस्तेमाल करने और व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है ताकि दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाया जा सके।
एक साथ आ सकते हैं ईरान चीन और रूस?
बीजिंग ने मास्को के साथ अपने संबंधों को “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” माना है, जबकि ईरान ने परमाणु समझौते पर बातचीत में मॉस्को और बीजिंग से समर्थन मांगा है। तेहरान कथित तौर पर रूस से हथियार खरीदने की भी मांग कर रहा है, जिसमें सुखोई -5 लड़ाकू जेट और S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम शामिल है। इसके साथ ही यूक्रेन मसले पर ईरान का स्टैंड कमोबेश चीन की तरह रहा है और ईरान अब तक रूस की निंदा करने से बचता नजर आया है।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
बीजिंग के रेनमिन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर शी यिनहोंग ने चीन-ईरान के बीच बढ़ते संबंधों को लेकर कहा है कि पिछले साल मार्च में दोनों देशों के बीच 25 साल के आर्थिक और सुरक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर के बाद चीन के लिए ईरान के साथ संबंध बढ़ाना स्वाभाविक है।
उन्होंने आगे कहा है कि दोनों देश यूक्रेन मसले पर भी रूस समर्थक रुख रखते हैं। 2019 से रूस के साथ मिलकर ईरान और रूस ने तीन नौसैनिक अभ्यास किए हैं। चीन अमेरिकी चिंताओं से अवगत है और ऐसे में चीन ईरान से घनिष्ठ संबंधों को और आगे बढ़ाना चाह रहा है।