अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में किए गये एक ऑपरेशन को लेकर लगातार खुलासे हो रहे हैं। खुलासा हुआ है कि अमेरिकी सेना द्वारा एक हेलफायर मिसाइल लॉन्च करने से ठीक पहले सीआईए की तरफ से सेना को चेतावनी दी गई थी कि जहां मिसाइल गिरने वाला है, वहां मासूम बच्चों की मौजूदगी है। लेकिन, सीआईए की चेतावनी के कुछ सेकेंड्स बाद ही अमेरिकी सेना ने ड्रोन स्ट्राइक कर दिया। जिसमें एक ही परिवार के 10 लोग मारे गये थे।
सीआईए की चेतावनी
खुलासा हुआ है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अमेरिकी सेना को ड्रोन स्ट्राइक से ठीक पहले एक इनपुट भेजा था, जिसमें कहा गया था कि टार्गेट के पास बच्चों की मौजूदगी हो सकती है। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अमेरिकी सेना के मिसाइल ने वाहन को उड़ा दिया और बच्चों सहित 10 नागरिकों की मौत हो गई। अमेरिकी सेना ने भी हमले के लिए माफी मांगी है और इसे एक ‘दुखद गलती’ बताया है जिसमें 10 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। 29 अगस्त को की गई एयरस्ट्राइक की जांच के निष्कर्षों के बाद, यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने यह भी कहा कि ‘इस बात की संभावना नहीं है कि वाहन और ड्रोन हमले में मारे गए लोग ISIS-K से जुड़े थे या अमेरिकी सेना के लिए एक सीधा खतरा थे’।
अमेरिका ने माफी मांगी
पहले पेंटागन के अधिकारियों ने मिसाइल स्ट्राइक के बाद दावा किया था कि उसके मिसाइल ने टार्गेट को बिल्कुल सही हिट किया है और उसमें मरने वाले आईएसआईएस-के के आतंकी हैं। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया था कि अमेरिका ने बेगुनाह बच्चों को मारा है। जिसके बाद अब जनरल मैकेंजी ने गलती के लिए माफी मांगी है और कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका पीड़ितों के परिवार को क्षतिपूर्ति भुगतान करने पर विचार कर रहा है। आपको बता दें कि एक टोयोटा कोरोला गाड़ी को अमेरिकी सेना ने निशाना बनाया था और कहा था कि वो गाड़ी बहुत बड़ा आतंकी हमला करने के लिए आगे बढ़ रही थी। लेकिन, न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि वो गाड़ी स्थानीय लोगों के लिए काम करने वाले एक एनजीओ कार्यकर्ता की थी और अमेरिका ने गलती से बेगुनाहों को मार दिया है।
अमेरिका खुफिया जानकारी निकली गलत
कमांडर जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि 29 अगस्त को अमेरिकी बलों ने काबुल में एक साइट पर एक सफेद टोयोटा को देखा था। जिसके बाद आठ घंटे तक उस सफेद टोयोटा को ट्रैक किया गया था। खुफिया विभाग ने उस स्थान की पहचान की और बताया कि ये जगह उन इस्लामिक स्टेट के गुर्गों का है, जिन्होंने काबुल हवाई अड्डे पर हमले की तैयारी की थी। उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्टों ने अमेरिकी बलों को एक सफेद टोयोटा कोरोला पर नजर रखने के लिए बोला था, जिसका इस्लामिक स्टेट का समूह कथित तौर पर उपयोग कर रहा था। केनेथ मैकेंजी ने कहा, ‘हमने इस कार को टारगेट किया और इसको ट्रैक किया। स्पष्ट रूप से हमारी खुफिया इस सफेद टोयोटा को लेकर गलत थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 29 अगस्त 2021 को जिस वक्त अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक किया था, एक फेद टोयोटा कार को 43 साल के जेमारी अहमदी चला रहे थे। सफेद टोयोटा कार की मॉडल 1996 की थी। दावा किया गया था कि इस सफेद टोयोटा कार में विस्फोटक था जबकि इस कार में पानी के कंटेनर रखे थे। इस हमले में कार नष्ट हो गई है और एयरस्ट्राइक में जेमारी और 7 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हुई है।