पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भले ही कह रहे हों कि पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से शांति समझौते के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है, मगर टीटीपी कुछ और ही दावा कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने संघर्ष विराम की खबरों का खंडन किया है और जोर देकर कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ शांति समझौते की ओर नहीं देख रहा है।
पाक पीएम इमरान खान के बयान के संदर्भ में टीटीपी के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि वह पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ शांति समझौते की ओर नहीं देख रहे हैं। पाकिस्तान टुडे के अनुसार, टीटीपी के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने एक बयान में कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने कभी संघर्ष विराम की घोषणा नहीं की है। उन्होंने आगे कहा कि टीटीपी लड़ाके जहां भी हैं, वहां से हमले जारी रखें।
टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को एक “संगठित आंदोलन” बताते हुए मुहम्मद खुरासानी ने कहा कि “समूह के भीतर कोई दरार या गुट नहीं है”। उन्होंने जोर देकर कहा कि आंदोलन की एक सामूहिक नीति है, जिससे कोई भी विचलित नहीं हो सकता।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान सरकार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कुछ समूहों के साथ सुलह प्रक्रिया पर बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि इस बातचीत का उद्देश्य समूह को हथियार डालने और देश के संविधान का पालन करने के लिए सहमत करना है। एक मीडिया चैनल को साक्षात्कार देते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि विभिन्न समूह हैं जो टीटीपी बनाते हैं। उनमें से कुछ शांति के लिए हमारी सरकार से बात करना चाहते हैं। इसलिए हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। यह एक सुलह प्रक्रिया है।
इमरान खान ने कहा कि वह बातचीत से समझौते की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन फिर भी कुछ निश्चित नहीं है। उन्होंने कहा कि वह बातचीत को ही एकमात्र समाधान के रूप में देखते हैं और अगर कोई समझौता होता है तो वह टीटीपी को माफ करने को तैयार हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी कहा था कि टीटीपी सदस्य अगर सशस्त्र समूहों से नहीं जुड़े हैं और आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं हैं तो वे उन्हें माफी दे सकते हैं।