अमेरिका का खास मून मिशन रद्द किए जाने के बाद, अब नासा ने कहा है कि लॉन्च के दौरान रॉकेट से हुए लीक को नासा खुद ही ठीक करेगा. अमेरिका का आर्टमिस-1 मिशन पिछले दिनों दसरी बार रद्द कर दिया गया था.
आर्टमिस को लॉन्च करने की तैयारी पूरी हो चुकी थी, कि लॉन्चिंग टीम को रॉकेट से हाइड्रोजन लीक की जानकारी मिली, जिसके बाद तुरंत ही लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया.
आर्टमिस को तैयार करने वाले इंजीनियर स्पेस लॉन्च सिस्टम और लिक्विड हाइड्रोजन फ्यूल फीड के बीच क्विक डिसकनेक्ट को रिप्लेस करेंगे. लॉन्चिंग के दौरान क्विक डिसकनेक्ट से ही हाइड्रोजन लीक हो गया था, जिसके बाद लॉन्चिंग को रद्द करना पड़ा था. NASA ने बताया कि शुक्रवार को रॉकेट में इंजीनियर ने इंजन सेक्शन में हाइड्रोजन लीक को डिटेक्ट किया था, जिसके बाद लॉन्चिंग को रोकना पड़ा. हालांकि लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन भी शुरु हो गई थी.
अमेरिका का खास मिशन है आर्टमिस-1
आर्टमिस, अमेरिका का चांद से मंगल तक का एक खास मिशन है जिसपर दुनिया की नज़रें टिकी है. शनिवारो को नासा ने 32 मंजिला स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट से मिशन को लॉन्च करने की कोशिश की थी. बाद में रॉकेट के ओरियन कैप्सूल में खराबी देखी गई. हालांकि, मिशन कॉ लॉन्च करने की तीन कोशिशें की गई लेकिन लॉन्चिंग नहीं की जा सकी और बाद में इसे रद्द करने पड़ा. लॉन्च डायरेक्टर ने बताया कि मिशन को शनिवार को 2.17 बजे लॉन्च किया जाना था.
लॉन्चिंग की नई तारीखों का ऐलान नहीं
हालांकि अभी साफ नहीं है कि अब इस मिशन को कब लॉन्च किया जाएगा, जबकि पहले की लॉन्चिंग रद्द किए जाने के बाद नासा ने नई तारीखों का ऐलान किया था. कहा जा रहा है कि फ्यूल लीकेज काफी ज़्यादा थी और लॉन्चिंग से एक दिन पहले इसमें कोई खराबी नहीं देखी गई थी. नासा ने आर्टमिस मिशन पर 4.1 अरब डॉलर ख़र्च किए हैं, जो ल्यूनर एक्सप्लोरेशन कि दिशा में पहला कदम माना जा रहा है, जो ग्रीक माइथोलॉजी में अपोलो की ट्विन सिस्टर के नाम पर रखा गया है. अबतक नासा के अपोलो प्रोग्राम के तहत 12 अस्ट्रोनॉट चांद पर जा चुके हैं, जिसमें आखिरी बार 1972 में भेजा गया था.