कोरोना वायरस को ओमिक्रॉन वैरिएंट दिन पर दिन पैर पसारते जा रहे हैं। सबसे पहले साउथ अफ्रीका में मिला ओमिक्रॉन वैरिएंट अब तक 89 देशों में फैल चुका है। ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा कि डेल्टा की तुलना यह वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। जहां, इसका संक्रमण ज्यादा है वहां पर डेढ़ से तीन दिनों में इसके केस दोगुने हो रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा उपलब्ध आंकड़ों को देखते हुए, यह संभावना है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से आगे निकल जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन अधिक जनसंख्या इम्यूनिटी वाले देशों में तेजी से फैल रहा है। हालांकि, उसके फैलने की गति को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हुआ है।
16 दिसंबर 2021 तक, सभी छह डब्ल्यूएचओ रीजन के 89 देशों में ओमिक्रॉन मामलों की पुष्टि की गई है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस संबंध में जैसे-जैसे उसे डेटा प्राप्त होगा वैसे-वैसे ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चीजे साफ होती जाएंगी और समझ विकसित होती रहेगी। रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण है कि यह डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैल रहा है। डेढ़ से तीन दिनों के भीतर इसके मामले डबल हो जा रहे हैं।
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने के बाद डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को वैरिएंट का नाम ओमिक्रॉन (B.1.1.1.529) रखा था और इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया था। ओमिक्रॉन को लेकर अभी तक सीमित डेटा है, ऐसे में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसकी गंभीरता और वैक्सीने के असर और उसकी प्रभाविता को समझने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है।