कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में फाइजर की पैक्सलोविड टैबलेट को भी मंजूरी मिल गई है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बुधवार को फाइजर की इस गोली के इस्तेमाल को हरी झंडी दिखा दी। अब 12 साल या उससे ऊपर उच्च जोखिम वाले लोगों के कोविड इलाज के दौरान पैक्सलोविड टैबलेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस टैबलेट के ग्रीन सिग्नल का इंतजार बाकी है।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने बुधवार को फाइजर की कोविड की गोली को 12 साल और उससे अधिक उम्र के उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए मंजूरी दे दी है। ये महामारी में एक प्रमुख मील का पत्थर है जो लाखों लोगों को इलाज की अनुमति देगा। अमेरिका ने Paxlovid नामक टैबलेट को मंजूरी दे दी है। इससे जोखिम वाले लोगों में भी मौत के कम खतरे का दावा किया गया है।
एफडीए वैज्ञानिक पैट्रिजिया कैवाजोनी ने कहा, “दुनिया के कई देशों में महामारी का स्वरूप बन चुके कोरोना वायरस के उपचार के लिए एक टैबलेट सफलता पूर्वक बना ली गई है। कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ये ऐतिहासिक कदम है
इस टैबलेट को अमेरिकी कंपनी फाइजर ने बनाया है। इसका नाम पैक्सलोविड (Paxlovid) रखा गया है। फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष अल्बर्ट बोरूला ने बताया कि अस्पताल में कोरोना का इलाज कर रहे 2,200 लोगों इस टैबलेट का परीक्षण करने पर इसमें अप्रत्याशित परिणाम सामने आए। टैबलेट से मौत के जोखिम को 88 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर होगी
ओमीक्रोन वेरियेंट का पता अभी-अभी चला है। इसलिए अभी कंपनी ने इसमें इसका परीक्षण नहीं किया है। हालांकि इसके बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि टैबलेट के काम करने का तरीका ऐंटिबॉडीज या वैक्सीन के तरीके से इतर है, इसलिए ये टैबलेट ओमिक्रॉन ही नहीं कोरोना के किसी भी वैरियेंट के खिलाफ कारगर होगा। पैक्सलोविड टैबलेट प्रॉटीज की गतिविधि रोक देता है। प्रॉटीज एक एंजाइम है जो वायरस को रेप्लिकेट करने में मदद करता है।
टैबलेट से खतरा है या नहीं
अमेरिकी दवा नियंत्रक USFDA की समिति के सामने पैक्सलोविड टैबलेट का आवेदन पहुंचा था। समिति के सभी सदस्यों ने इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसे लेकर समिति को सुरक्षा संबंधी ज्यादा खतरा नहीं दिखा है। इसलिए समिति ने 12 साल या इससे अधिक उम्र के अधिक जोखिम वाले वाले लोगों को कोविड इलाज के दौरान इस टैबलेट के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के बाद दुनियाभर के कई देशों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कई गुना वृद्धि हुई है। अमेरिका और ब्रिटेन में कोरोना केस अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन में बुधवार को कोरोना संक्रमण केस 1 लाख 6122 तक पहुंच गए।