यूक्रेन पर जारी रूस के हमले के बीच स्वीडन ने बड़ा आरोप लगाया है। स्वीडन का कहना है कि रूसी सेना के 4 फाइटर जेट बुधवार को उसके एयरस्पेस में घुस आए थे। यूक्रेन पर रूसी सेना की बमबारी के बीच इस घटना ने यूरोपीय देश को दहशत में ला दिया। यूक्रेन के बाद यूरोप के दूसरे देशों पर हमले की आशंका पहले ही वोलोदिमीर जेलेंस्की जताते रहे हैं। ऐसे में इस तरह से फाइटर जेट घुसने के बाद से स्वीडन में डर का माहौल पैदा हो गया। स्वीडन की ओर से जारी बयान के मुताबिक दो सुखोई-27 और दो सुखाई 24 फाइटर जेट अचानक वायु सीमा में घुस आए थे।
यह घटना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस चेतावनी के कुछ दिन बाद ही हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि वे नाटो में जाते हैं तो फिर स्वीडन और फिनलैंड जैसे देशों को खामियाजा भुगतना होगा। स्वीडिश एयरफोर्स चीफ कार्ल जोहान एड्सट्रॉम ने कहा, ‘मौजूदा हालात में इस घटना को लेकर हम बेहद चिंतित हैं। यह जो घटना रूस की तरफ से हुई है, वह बेहद अनप्रोफेशनल और गैर-जिम्मेदाराना है।’ बयान में कहा गया कि इस घटना के तुरंत बाद ही स्वीडिश फोर्सेज सक्रिय हो गई थीं। उन्होंने स्वीडिश फाइटर जेट्स की ओर से रूसी लड़ाकू विमानों की तस्वीरें भी ली गई हैं
स्वीडिश एयरफोर्स के चीफ ने कहा कि इससे पता लगता है कि हमारी तैयारी बेहतर थी। हम अपनी सुरक्षा और अखंडता की रक्षा के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है। इसके अलावा स्वीडन के डिफेंस मिनिस्टर पीटर हुल्तक्विस्ट ने कहा, ‘रूस की ओर से स्वीडन की वायुसीमा का उल्लंघन किया गया है और इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा कि हम इस मसले पर रूस से कड़ा कूटनीतिक विरोध दर्ज कराएंगे। स्वीडन की संप्रभुता और अखंडता की पूरी तरह से रक्षा होनी चाहिए।
बता दें कि स्वीडन भले ही नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन उसने यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य हथियार भेजने का ऐलान किया है। स्वीडन का कहना है कि वह यूक्रेन को 5,000 ऐंटी टैंक हथियार भेजेगा। 1939 के बाद यह पहला मौका है, जब स्वीडन किसी देश को हथियार भेज रहा है। स्वीडन के पीएम मागडालेना एंडरसन ने कहा कि रूस ने जिस तरह से यूक्रेन पर हमला किया है, उससे हमारे लिए अपनी ताकत को बढ़ाना जरूरी है ताकि किसी भी तरह के संकट से निपटा जा सके।