अफगानिस्तान सरकार के हाथ से धीरे-धीरे देश के महत्वपूर्ण और राजनैतिक शहर हाथ से निकलते जा रहे हैं। शनिवार को तालिबान ने अफगानिस्तान चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर भी कब्जा जमा लिया। अफगान सांसद ने मजार-ए-शरीफ पर तालिबानी लड़ाकूओं के कब्जे का दावा किया है। उन्होंने कहा कि बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ तालिबान के कब्जे में आ गई है, विद्रोहियों ने वहां एक बड़ा हमला किया था।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान अब तालिबानी विद्रोहियों धीरे-धीरे घुटने टेकने को मजबूर हो रहा है। अब देश की राजधानी काबुल पर भी हाथ से निकलने की संभावना जताई जा रही है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तालिबान काबुल से सिर्फ 50 किलोमीटर की दूरी पर है।
इस बीच देश का चौथा बड़ा शहर मजार-ए-शरीफ अफगान सरकार के हाथ से निकलना इस बात की ओर इशारा है कि देश की सेना भी तालिबान के सामने अब कमजोर पड़ रही है।
मजार-ए-शरीफ पर तालिबान के कब्जे का दावा करते हुए अफगानी सांसद ने कहा कि विद्रोहियों ने मजार पर बड़ा हमला किया था, वो पिछले कई दिनों से शहर के मुख्य इलाकों पर कब्जा जमाए बैठे थे। तालिबान शुरू से शहर के अंदर घुसने का प्रयास कर रहा था लेकिन देश की सेना विद्रोहियों को रोकने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हुई थी। शनिवार को ही लड़ाकों ने मजार पर हमला शुरू कर दिया। उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद का कहना है कि 14 अगस्त से ही तालिबान ने कई दिशाओं से हमला किया। इस दौरान कई लोगों की जानें भी गई हैं। बता दें कि अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 11 अगस्त को मजार-ए-शरीफ का दौरा किया था और सुरक्षा मसलों पर अहम बैठक की थी।