अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना नियंत्रण कर लिया। लेकिन अब भी ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहां तालिबान नहीं जाना चाहता है। इन्हीं इलाकों में से एक है- नंगरहार प्रांत। बता दे कि यह इलाका इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन का गढ़ माना जाता है। नंगरहार प्रांत का चपरहार जिला लंबे वक्त तक इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन का गढ़ रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट बताती है कि तालिबान के शासन में आने के बाद से यहां 20 से अधिक बॉडी मिल चुके हैं। अभी दो दिन पहले भी एक आदमी की गोलीमारकर हत्या कर दी गई थी लेकिन यह हत्या किसने की है, यह साफ नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में 45 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
2014 से ही है इस्लामिक स्टेट का वर्चस्व
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट इस क्षेत्र में 2014 से ही मौजूद है। तालिबान शासन के दौरान भी सिर्फ दिन के वक्त तालिबान से जुड़े लोग दिखते हैं और रात के वक्त अपने ठिकाने पर पहुंच जाते हैं। लोगों का कहना है कि पिछली सरकार के दिनों में भी ऐसा ही हाल था। लोगों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी मुख्य सड़क से दूर रहते हैं। वह तब ही अपने घरों से बाहर निकलते हैं जब उन्हें किसी को निशाना बनाना होता है।
चपरहार के तालिबान गवर्नर ऐनुदीन ने भी माना है कि इलाके में इस्लामिक स्टेट से जुड़े कुछ आतंकवादी हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि वे कहीं छिपे हो सकते हैं, लेकिन तालिबान ने कब्जा कर लिया है, और हमरा पूरी तरह से नियंत्रण है।
चपरहार शहर से आप जितनी दूर जाते हैं इलाका उतना ही शांत और भयावह नजर आता है। रिपोर्ट बताती है कि इन इलाकों में तालिबान की चौकियां गायब हो जाती हैं क्योंकि उधर यातायात का कोई साधन नहीं है।