लेबनान के नेताओं ने यमन में युद्ध को लेकर अपने एक कैबिनेट मंत्री की टिप्पणी से विवाद पैदा होने के बाद शनिवार को सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के साथ कूटनीतिक तनाव को खत्म करने की कवायद में विचार-विमर्श किया। सऊदी अरब के बाद कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात ने भी लेबनान के खिलाफ कदम उठाए, जिससे संकटग्रस्त देश पर दबाव बढ़ गया है।
लेबनान को विदेशी सहायता और अस्थिर आर्थिक एवं वित्तीय संकट में मदद की आवश्यकता है। यह खाड़ी देशों और लेबनान के बीच अब तक का सबसे गंभीर विवाद है। इस छोटे-से देश में ईरान के बढ़ते प्रभाव को लेकर रिश्ते तनावपूर्ण हैं जबकि सऊदी अरब पारंपरिक रूप से उसका एक शक्तिशाली सहयोगी देश रहा है।
बेरूत से वापस लौटे सऊदी के राजदूत
शनिवार दोपहर को बेरूत में सऊदी अरब के राजदूत वलीद बुखारी स्वदेश लौट आए। सऊदी अरब ने उन्हें वापस बुलाया है। बेरूत में हवाई अड्डे पर मौजूद अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बुखारी के स्वदेश लौटने से एक दिन पहले सऊदी अरब ने रियाद में लेबनान के राजदूत को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया और लेबनान से सभी आयात पर रोक लगा दी।
लेबनान के लिए बड़ा बाजार है सऊदी
सऊदी अरब दशकों से लेबनानी उत्पादों का बड़ा बाजार रहा है। अरब लीग के प्रमुख ने लेबनान और अमीर खाड़ी देशों के बिगड़ते रिश्तों पर चिंता जतायी है। अमेरिका के विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, ”हम अनुरोध करते हैं कि लेबनान के सामने आ रहे मुद्दों पर सार्थक बातचीत सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के बीच कूटनीतिक रास्ते खुले रहें।”
लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बोहाबिब ने कहा कि प्रधानमंत्री नजीब मिकाती विदेशी अधिकारियों के संपर्क में हैं जिन्होंने उनसे इस्तीफा देने के बारे में नहीं सोचने को कहा है। मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री संकट का हल निकालने में मदद के लिए अमेरिका के संपर्क में हैं।
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो को लेकर पैदा हुआ है जिसमें लेबनान के सूचना मंत्री जॉर्ज कोर्डाही ने यमन में युद्ध को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की आक्रामकता के रूप में वर्णित किया था। उन्होंने कहा कि यमन में युद्ध ”बेतुका” है और इसे रोकना चाहिए। शनिवार शाम को कोर्डाही ने मामले पर विचार विमर्श करने के लिए लेबनान के मैरोनाइट कैथोलिक गिरजाघर के प्रमुख से मुलाकात की लेकिन इसके बाद कोई टिप्पणियां नहीं की।
ओमान ने सभी को दी संयम बरतने की सलाह
ईरान और पश्चिमी देशों के बीच वार्ताकार रहे ओमान ने सभी से ”संयम बरतने और तनाव बढ़ाने से बचने और संवाद तथा समझ के जरिए मतभेदों को दूर” करने का आह्वान किया। बेरूत में कई सरकारी अधिकारियों ने संकट पर चर्चा करने के लिए शनिवार को मुलाकात की। बोहाबिब ने ग्लास्गो की अपनी यात्रा रद्द कर दी, जहां उन्हें संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेना था। उन्होंने बताया कि मिकाती ग्लास्गो जाएंगे, जहां वह विदेशी नेताओं के साथ संकट पर चर्चा करेंगे। राष्ट्रपति मिशेल औन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि लेबनान, सऊदी अरब और अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है।