यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ देर में देश को संबोधित करेंगे। बताया जा रहा है कि पुतिन पूर्वी यूक्रेन को अलग देश की मान्यता दे सकते हैं। यह कब होगा, यह ठीक-ठीक नहीं पता चल पाया है, लेकिन यह जल्द ही होगा। पुतिन ने पहले कहा था कि रूस यह तय करेगा कि पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी जाए या नहीं।
इससे पहले पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने पर विचार-विमर्श करने के लिए सोमवार को शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक ऐसे समय पर बुलाई गई है, जब पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को, हमले करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके ”खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के आक्रमणों से” उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें। रूस के निचले सदन ने भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार की अपील की थी।
यूक्रेनी प्राधिकारियों ने कोई भी आक्रमण करने से इनकार किया है और रूस पर उकसाने का आरोप लगाया है। इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला नहीं करे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपने रूसी समकक्ष पुतिन के साथ ”सैद्धांतिक रूप से” बैठक करने को तैयार हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की मध्यस्थता से यह स्थिति बनी है। अमेरिका ने लगातार आगाह किया है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है और साथ ही रूस के ऐसा करने पर उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है। रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की योजना के अमेरिकी दावों को खारिज किया है।
गौरतलब है कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। कीव की आबादी करीब 30 लाख है।